मोक्ष प्राप्ति का विधान

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INDEX

  • ‘मोक्ष’ प्राप्ति का विधान
  • ब्रह्माण्ड संचालन एवं नियन्त्रण विधान (चार्ट)
  • मुझ सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस का उद्देश्य
  • परम कल्याण हेतु प्रेम भरा प्रस्ताव
  • भगवद् समर्पण-शरणागति से ही मोक्ष प्राप्ति
  • सृष्टि वृक्ष (चार्ट)
  • मानव जीवन का मूल उद्देश्य -- मोक्ष
  • मुक्ति-अमरता का लाभ वर्तमान भगवदावतारी से ही
  • शास्त्रों के अध्ययन से सम्पूर्ण की सम्पूर्णतया जानकारी सम्भव नहीं
  • कथावाचकों अथवा शास्त्रीगणों की यथार्थता
  • मानव जीवन -- मुक्ति-अमरता पाने का साधन
  • तत्त्वज्ञान प्राप्ति के पश्चात् मिलने वाला लाभ
  • जीव, ईश्वर एवं परमेश्वर को जानना-देखना अनिवार्य क्यों ?
  • भगवान-भगवदवतार की परख-पहचान ‘तत्त्वज्ञान’ से
  • हम ( जीव ) एवं ‘परमात्मा’ रूपी मन्जिल को जानें
  • अपना जीवन परमेश्वर के मालिकान में रखिय
  • मानव जीवन गुलामी के लिए नहीं बल्कि ‘‘ज्ञान’’ प्राप्ति के लिए मिला है ।
  • भेदभाव का मूल कारण अज्ञानता
  • मानव जीवन इस सृष्टि में सबसे श्रेष्ठ जीवन
  • तत्त्वज्ञान -- परिपूर्णतम् ‘‘ज्ञान-विधान’’
  • जीवन की सर्वोत्तम उपलब्धि परमेश्वर के समर्पित-शरणागत बने रहना है !
  • कृतयुग में व्यसन का कोई अस्तित्व ही नहीं होता है ।
  • धर्म की वास्तविक जानकारी भगवदावतारी के पास
  • संसार में क्या त्याज्य है और क्या ग्राह्य है ?
  • परमेश्वर मिलते ही सब कुछ मिल जाता है । परमेश्वर के कृपा का लाभ लीजिए ।
  • करने के लिए भक्ति-सेवा है-पाने के लिए मुक्ति अमरता है-उपलब्धि परमधाम है । परिवार में करने के लिए कर्म है-पाने के लिए विषय-भोग है । उपलब्धि पतन-विनाश है ।
  • तत्त्वज्ञान के बगैर परमात्मा का दर्शन/प्राप्ति कदापि सम्भव ही नहीं ।
  • परमेश्वर के सामने सृष्टि के सारे सम्बन्ध व्यर्थ
  • आश्चर्यमयता से युक्त है परमेश्वर
  • ज्ञानी का जीवन-अमरत्त्व की यात्रा अज्ञानी का जीवन-मौत की प्रतीक्षा
  • गुरु करो दस पाँचा, जब तक मिले न साँचा
  • संसार की सारी चीजें दो प्रकार की (एकमात्र परमात्मा/तत्त्वज्ञान ही एक)
  • जीव एवं ईश्वर और परमेश्वर तीनों को जनाने-दिखाने वाला विधान ही ‘धर्म’ है
  • अपने अस्तित्त्व-कर्तव्य-मंजिल को जानें ।
  • मनुष्य का पुरुषार्थ ‘धर्म-अर्थ-काम और मोक्ष’
  • तीन तत्त्वो में ही सीमित --विज्ञान
  • सारा संसार परमेश्वर का मायावी खेल
  • ईमान से सच्चाई को पकड़ें कोई कमी नहीं
  • भगवान्-खुदा-गाड निराकार-साकार दोनों
  • मानव जीवन कर्म-भोग से मुक्त होने के लिए है ।
  • भजन
  • धर्म-ग्रन्थों की सूची
  • ‘सदानन्द तत्त्वज्ञान परिषद्’ के प्रमुख आश्रमों/केन्द्रों के पते इस प्रकार हैं---

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